प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Saturday, June 6, 2020

यह बिनती रहुबीर गुसाईं - yah binatee rahubeer gusaeen -- तुलसीदास- Tulsidas #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

यह बिनती रहुबीर गुसाईं।
और आस बिस्वास भरोसो, हरौ जीव-जड़ताई॥१॥
चहौं न सुगति, सुमति-संपति कछु रिधि सिधि बिपुल बड़ाई।
हेतु-रहित अनुराग रामपद, बढ़ अनुदिन अधिकाई॥२॥
कुटिल करम लै जाइ मोहि, जहॅं-जहॅं अपनी बरियाई।
तहॅं-तहॅं जनि छिन छोह छाँड़िये, कमठ-अण्डकी नाई॥३॥
यहि जगमें, जहॅं लगि या तनुकी, प्रीति प्रतीति सगाई।
ते सब तुलसिदास प्रभु ही सों, होहिं सिमिति इक ठाई॥४॥

- तुलसीदास- Tulsidas
#www.poemgazalshayari.in
||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

No comments:

Post a Comment

राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया

   राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का गुरुवार 10 अक्टूबर को मुंबई के वर्ली श्म...