प्रिय पाठकों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Monday, June 22, 2020

दिख रही सुर्ख़-सुर्ख़ शाम - dikh rahee surkh-surkh shaam -- जयप्रकाश त्रिपाठी- Jayprakash Tripathi #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

दिख रही सुर्ख़-सुर्ख़ शाम
कितनी क़ातिल है,
वो बदनसीब
आँसुओं की मौत मरता है।

राह पश्चिम की हो,
पूरब की
कहीं की भी हो
दिल से
वह देश पर मचलता है।

कुछ घड़ी
ले लो इसे, ले लो
अपने दामन में
आओ
ढल जाओ
उसमें,
जाम जैसे ढलता है।

आओ, आ जाओ
सँवर जाओ
समन्दर कर दूँ
झील में कोई
ज्वालामुखी जैसे जलता है।

अपने महताब का
वह
कितना इन्तज़ार करे
जो कि
हर वक़्त उसकी बात से बहलता है।

जब भी
वह रुकता है,
अपने आप ही
रुक जाता है
जब चले
तो सबके साथ साथ चलता है।

चाहता हूँ कि
उसे
उम्र मेरी लग जाए,
हसीन ख़्वाब-सा
वह
मेरे दिल में पलता है।

- जयप्रकाश त्रिपाठी- Jayprakash Tripathi

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

No comments:

Post a Comment

How to sell on OLX | OLX full tutorial | Online Sellings

 How to sell on OLX | OLX full tutorial  Key Content: Research your product Highlight the key features Be concise and specific Use keywords ...