प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Friday, June 19, 2020

छप्पर-छप्पर लगे सुलगने, आगबबूला दोपहरी - chhappar-chhappar lage sulagane, aagababoola dopaharee -- जयप्रकाश त्रिपाठी- Jayprakash Tripathi #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

छप्पर-छप्पर लगे सुलगने, आगबबूला दोपहरी।
लपटी-कपटी राजपाट के मौसम-सी अन्धी-बहरी।

भोरहरे तक चिरई-चुनमुन चिर्रा-चिर्री, चीं-चीं-चीं...
याकि चुनाव चिन-चिन चटके गुर्रा-गुर्री, हीं-हीं-हीं...
साँसें लगीं खींचने फिर से कनबतियाँ गहरी-गहरी।

पत्ता-पत्ता तपे, छाँव के भी तलवे छाले-छाले,
कौन पसीना पोंछे, मन किससे सारा दुख कह डाले,
टस-से-मस का नाम न ले जो विपदा चौखट पर ठहरी।

थके-थके सीवान, मूर्च्छित फ़सलों का दाना-दाना,
उकड़ूँ-उकड़ूँ खेत, मेढ़ तक खलिहानों को दें ताना,
ताने पड़े मसहरी अपनी मच्छर-मच्छर सब शहरी।

जाड़ा सूरज-सूरज उनकी, बर्फ़-बर्फ़ गर्मियाँ रहें,
अपनी चादर चिन्दी-चिन्दी, 'इँहा' रहें या 'उहाँ' रहें,
भाँग पिलाकर लोकतन्त्र को टुन्न हुए बम-बम लहरी।

- जयप्रकाश त्रिपाठी- Jayprakash Tripathi

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

No comments:

Post a Comment

Free Remote control apps like anydesk | Freemium & Commercial Options

 List of Free Remote control apps like Anydesk RustDesk – A great open-source alternative to AnyDesk with self-hosting capabilities. UltraVN...