बिलकुल नहीं आज मानेंगे - bilakul nahin aaj maanenge -- उषा यादव- Usha Yadav #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||
बिलकुल नहीं आज मानेंगे,
चाहे लाख मनाओ जी।
गुस्सा हैं हम, जाओ जी!
हर इतवार हमें चिड़ियाघर,
चलने का लालच देंगे।
और उसी दिन दुनिया भर के,
कामों को फैला लेंगे।
बुद्धू हमें समझ रखा है,
चाकलेट से बहलाते।
टूटी आस लिये हम बच्चे,
खड़े टापते रह जाते।
नहीं खाएँगे, नहीं खाएँगे,
टाफी लाख खिलाओ जी।
गुस्सा हैं हम, जाओ जी।
झूठ अगर बच्चे बोलें तो,
खूब डांट वे खाते हैं।
यही काम पापाजी करते
और साफ बच जाते हैं।
मम्मी बच्चों के दल में मिल,
इनकी डांट लगाओ तुम,
वरना तुमसे भी कुट्टी है।
दूर यहाँ से जाओ तुम।
मुँह फूला ही रखेंगे अब,
चाहे लाख हँसाओ जी।
गुस्सा हैं हम जाओ जी!
- उषा यादव- Usha Yadav
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