प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Tuesday, June 9, 2020

अरे दिल, प्रेम नगर का अंत न पाया, ज्‍यों आया त्‍यों जावैगा - are dil, prem nagar ka ant na paaya, j‍yon aaya t‍yon jaavaiga - कबीर- Kabir #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

1.

अरे दिल,

प्रेम नगर का अंत न पाया, ज्‍यों आया त्‍यों जावैगा।।

सुन मेरे साजन सुन मेरे मीता, या जीवन में क्‍या क्‍या बीता।।

सिर पाहन का बोझा लीता, आगे कौन छुड़ावैगा।।

परली पार मेरा मीता खडि़या, उस मिलने का ध्‍यान न धरिया।।

टूटी नाव, उपर जो बैठा, गाफिल गोता खावैगा।।

दास कबीर कहैं समझाई, अंतकाल तेरा कौन सहाई।।

चला अकेला संग न कोई, किया अपना पावैगा।


2.

रहना नहीं देस बिराना है।

यह संसार कागद की पुड़िया, बूँद पड़े घुल जाना है।

यह संसार काँटे की बाड़ी, उलझ-पुलझ मरि जाना है।

यह संसार झाड़ और झाँखर, आग लगे बरि जाना है।

कहत कबीर सुनो भाई साधो, सतगुरू नाम ठिकाना है।


 कबीर- Kabir

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

No comments:

Post a Comment

Describe the difference between a public network and a private network @PoemGazalShayari.in

 Describe the difference between a public network and a private network Topic Coverd: Private Network: Access Restriction Security Scalabili...