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Thursday, June 11, 2020

अंखियां तो छाई परी - ankhiyaan to chhaee paree -कबीर- Kabir #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

अंखियां तो छाई परी

पंथ निहारि निहारि

जीहड़ियां छाला परया

नाम पुकारि पुकारि

बिरह कमन्डल कर लिये

बैरागी दो नैन

मांगे दरस मधुकरी

छकै रहै दिन रैन

सब रंग तांति रबाब तन

बिरह बजावै नित

और न कोइ सुनि सकै

कै सांई के चित



 कबीर- Kabir

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