ऐसे जानि जपो रे जीव - aise jaani japo re jeev -- रैदास- Raidas #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

ऐसे जानि जपो रे जीव।
जपि ल्यो राम न भरमो जीव।। टेक।।
गनिका थी किस करमा जोग, परपूरुष सो रमती भोग।।१।।
निसि बासर दुस्करम कमाई, राम कहत बैकुंठ जाई।।२।।
नामदेव कहिए जाति कै ओछ, जाको जस गावै लोक।।३।।
भगति हेत भगता के चले, अंकमाल ले बीठल मिले।।४।।
कोटि जग्य जो कोई करै, राम नाम सम तउ न निस्तरै।।५।।
निरगुन का गुन देखो आई, देही सहित कबीर सिधाई।।६।।
मोर कुचिल जाति कुचिल में बास, भगति हेतु हरिचरन निवास।।७।।
चारिउ बेद किया खंडौति, जन रैदास करै डंडौति।।८।।


- रैदास- Raidas

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

Comments

Popular posts from this blog

ग अक्षर से शुरू होने वाले गाने | Hindi Song From Word G (ग शब्द से हिंदी गाने) | poemgazalshayari.in

इ शब्द से शुरू होने वाले हिंदी गाने | List of Hindi Song From Word I (इ/ई शब्द से हिंदी गीत ) | poemgazalshayari.in

अ से शुरू होने वाले हिंदी गाने | अंताक्षरी गाने– Hindi Song From Aa (आ शब्द से हिन्दी गाने) | Poemgazalshayari.in