वे तुम्‍हें संपदा का समुद्र कहते हैं - ve tum‍hen sampada ka samudr kahate hain -रवीन्द्रनाथ टैगोर - Rabindranath tagore, #poemgazalshayari.in


वे तुम्‍हें
संपदा का समुद्र कहते हैं
कि तुम्‍हारी अंधेरी गहराईयों में
मोतियों और रत्‍नों का खजाना है, अंतहीन।

बहुत से समुद्री गोताखोर
वह खजाना ढूंढ रहे हैं
पर उनकी खोजबीन में मेरी रूचि नहीं है

तुम्‍हारी सतह पर कांपती रोशनी
तुम्‍हारे हृदय में कांपते रहस्‍य
तुम्‍हारी लहरों का पागल बनाता संगीत
तुम्‍हारी नृत्‍य करती फेनराशि
ये सब काफी हैं मेरे लिए

अगर कभी इस सबसे मैं थक गया
तो मैं तुम्‍हारे अथाह अंतस्‍थल में
समा जाउंगा
वहां जहां मृत्‍यु होगी
या होगा वह खजाना।



रवीन्द्रनाथ ठाकुर - Rabindranath Thakur,
रवीन्द्रनाथ टैगोर - Rabindranath tagore,

#poemgazalshayari.in

Comments

Popular posts from this blog

ग अक्षर से शुरू होने वाले गाने | Hindi Song From Word G (ग शब्द से हिंदी गाने) | poemgazalshayari.in

इ शब्द से शुरू होने वाले हिंदी गाने | List of Hindi Song From Word I (इ/ई शब्द से हिंदी गीत ) | poemgazalshayari.in

अ से शुरू होने वाले हिंदी गाने | अंताक्षरी गाने– Hindi Song From Aa (आ शब्द से हिन्दी गाने) | Poemgazalshayari.in