प्रिय पाठकों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Friday, April 24, 2020

रोज़ बढ़ता हूँ जहाँ से आगे - roz badhata hoon jahaan se aage -- कैफ़ी आज़मी - Kaifi Azmi #poemgazalshayari.in

रोज़ बढ़ता हूँ जहाँ से आगे
फिर वहीं लौट के आ जाता हूँ
बारहा तोड़ चुका हूँ जिन को
इन्हीं दीवारों से टकराता हूँ
रोज़ बसते हैं कई शहर नये
रोज़ धरती में समा जाते हैं
ज़लज़लों में थी ज़रा सी गिरह
वो भी अब रोज़ ही आ जाते हैं

जिस्म से रूह तलक रेत ही रेत
न कहीं धूप न साया न सराब
कितने अरमाँ है किस सहरा में
कौन रखता है मज़ारों का हिसाब
नफ़्ज़ बुझती भी भड़कती भी है
दिल का मामूल है घबराना भी
रात अँधेरे ने अँधेरे से कहा
इक आदत है जिये जाना भी

क़ौस एक रंग की होती है तुलू'अ
एक ही चाल भी पैमाना भी
गोशे गोशे में खड़ी है मस्जिद
मुश्किल क्या हो गई मयख़ाने की
कोई कहता था समंदर हूँ मैं
और मेरी जेब में क़तरा भी नहीं
ख़ैरियत अपनी लिखा करता हूँ
अब तो तक़दीर में ख़तरा भी नहीं

अपने हाथों को पढ़ा करता हूँ
कभी क़ुरान कभी गीता की तरह
चंद रेखाओं में समाऊँ मैं
ज़िन्दगी क़ैद है सीता की तरह
राम कब लौटेंगे मालूम नहीं
काश रावन ही कोई आ जाता

- कैफ़ी आज़मी - Kaifi Azmi

#poemgazalshayari.in

No comments:

Post a Comment

How to link aadhar and pancard online

How to link aadhar and pancard online   Linking Aadhaar and PAN has become a mandatory requirement for Indian citizens as per the government...