पैगम्बर के एक शिष्य ने - paigambar ke ek shishy ne -Sumitra Nandan Pant - सुमित्रानंदन पंत #Poem Gazal Shayari

पैगम्बर के एक शिष्य ने
पूछा, 'हजरत बंदे को शक
है आजाद कहां तक इंसा
दुनिया में,पाबंद कहां तक?'

'खड़े रहो!' बोले रसूल तब,
'अच्छा, पैर उठाओ उपर'
'जैस हुक्मा!' मुरीद सामने
खड़ा हो गया एक पैर पर!

'ठीक , दूसरा पैर उठाओ '
बोले हंस कर नबी फिर तुरत,
बार बार गिर, कहा शिष्य ने
'यह तो नामुमकिन है हजरत'

'हो आजाद यहां तक, कहता
तुमसे एक पैर उठ उपर,
बंधे हुए दुनिया से, कहता
पैर दूसरा अड़ा जमीं पर!' -
पैगम्बसर का था यह उत्तर!




Sumitra Nandan Pant - सुमित्रानंदन पंत 

#Poem Gazal Shayari

#Poem_Gazal_Shayari

Comments

Popular posts from this blog

ग अक्षर से शुरू होने वाले गाने | Hindi Song From Word G (ग शब्द से हिंदी गाने) | poemgazalshayari.in

इ शब्द से शुरू होने वाले हिंदी गाने | List of Hindi Song From Word I (इ/ई शब्द से हिंदी गीत ) | poemgazalshayari.in

अ से शुरू होने वाले हिंदी गाने | अंताक्षरी गाने– Hindi Song From Aa (आ शब्द से हिन्दी गाने) | Poemgazalshayari.in