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Wednesday, March 11, 2020

लोग बहुत पास आ गए हैं - log bahut paas aa gae hain -sachchidanand hiranand vatsyayan "agay"- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" #Poem Gazal Shayari #Poem_Gazal_Shayari



लोग बहुत पास आ गए हैं।
पेड़ दूर हटते हुए
कुहासे में खो गए हैं
और पंछी (जो ऋत्विक हैं)
चुप लगा गए हैं।

sachchidanand hiranand vatsyayan "agay"- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय"

#Poem Gazal Shayari

#Poem_Gazal_Shayari

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