मैं ज़िन्दा हूँ ये मुश्तहर कीजिए - main zinda hoon ye mushtahar keejie - -साहिर लुधियानवी - saahir ludhiyaanavee
मैं ज़िन्दा हूँ ये मुश्तहर कीजिए
मिरे क़ातिलों को ख़बर कीजिए
ज़मीं सख़्त है आसमाँ दूर है
बसर हो सके तो बसर कीजिए
सितम के बहुत से हैं रद्द-ए-अमल
ज़रूरी नहीं चश्म तर कीजिए
वही ज़ुल्म बार-ए-दिगर है तो फिर
वही जुर्म बार-ए-दिगर कीजिए
क़फ़स तोड़ना बाद की बात है
अभी ख़्वाहिश-ए-बाल-ओ-पर कीजिए
-साहिर लुधियानवी - saahir ludhiyaanavee
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