प्रिय पाठकों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Sunday, October 13, 2019

जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग - jab bhee jee chaahe naee duniya basa lete hain log- -साहिर लुधियानवी - saahir ludhiyaanavee

जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग

एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग


याद रहता है किसे गुज़रे ज़माने का चलन

सर्द पड़ जाती है चाहत हार जाती है लगन


अब मौहब्बत भी है क्या एक तिजारत के सिवा

हम ही नादान थे जो ओढ़ा बीती यादों का कफ़न

वरना जीने के लिए सब कुछ भुला लेते हैं लोग


जाने वो क्या लोग थे जिनको वफ़ा का पास था

दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी यह अहसास था


अब हैं पत्थर केसनम जिनको एहसास न ग़म

वो ज़माना अब कहाँ जो अहले दिल को रास था

अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग

-साहिर लुधियानवी - saahir ludhiyaanavee

No comments:

Post a Comment

How to link aadhar and pancard online

How to link aadhar and pancard online   Linking Aadhaar and PAN has become a mandatory requirement for Indian citizens as per the government...