प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Tuesday, September 3, 2019

आराइश-ए-ख़याल भी हो दिलकुशा भी हो - aaraish-e-khayaal bhee ho dilakusha bhee ho- - नासिर काज़मी- Nasir Kazmi

आराइश-ए-ख़याल भी हो दिलकुशा भी हो 
वो दर्द अब कहाँ जिसे जी चाहता भी हो 

ये क्या कि रोज़ एक सा ग़म एक सी उम्मीद 
इस रंज-ए-बेख़ुमार की अब इंतहा भी हो 

ये क्या कि एक तौर से गुज़रे तमाम उम्र 
जी चाहता है अब कोई तेरे सिवा भी हो 

टूटे कभी तो ख़्वाब-ए-शब-ओ-रोज़ का तिलिस्म 
इतने हुजूम में कोई चेहरा नया भी हो 

दीवानगी-ए-शौक़ को ये धुन है इन दिनों 
घर भी हो और बे-दर-ओ-दीवार सा भी हो 

जुज़ दिल कोई मकान नहीं दहर में जहाँ 
रहज़न का ख़ौफ़ भी न रहे दर खुला भी हो 

हर ज़र्रा एक महमील-ए-इब्रत है दश्त का 
लेकिन किसे दिखाऊँ कोई देखता भी हो 

हर शय पुकारती है पस-ए-पर्दा-ए-सुकूत 
लेकिन किसे सुनाऊँ कोई हमनवा भी हो 

फ़ुर्सत में सुन शगुफ़्तगी-ए-ग़ुंचा की सदा 
ये वो सुख़न नहीं जो किसी ने कहा भी हो 

बैठा है एक शख़्स मेरे पास देर से 
कोई भला-सा हो तो हमें देखता भी हो 

बज़्म-ए-सुख़न भी हो सुख़न-ए-गर्म के लिये 
ताऊस बोलता हो तो जंगल हरा भी हो

- नासिर काज़मी- Nasir Kazmi


No comments:

Post a Comment

UP Free Scooty Scheme 2025 कैसे करें यूपी फ्री स्कूटी के लिए आवेदन यहाँ देखें सम्पूर्ण जानकारी

 UP Free Scooty Scheme 2025 कैसे करें यूपी फ्री स्कूटी के लिए आवेदन यहाँ देखें सम्पूर्ण जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की छात्राओं के ल...